EPF: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. अब EPF सदस्य डिजीलॉकर का उपयोग करके अपने प्रोफाइल में बदलाव के लिए जॉइंट डिक्लेरेशन (JD) रिक्वेस्ट जमा कर सकते हैं. इससे करोड़ों सदस्यों को कागजी कार्यवाही से मुक्ति मिलेगी और प्रोसेसिंग भी तेज और सटीक हो जाएगी.
नई प्रक्रिया से उन लोगों को भी राहत मिलेगी जिनके संस्थान बंद हो चुके हैं या कोई संबंधित परिजन की मौत हो चुकी है. इन परिस्थितियों में सदस्य अपनी घोषणाएं कागजी रूप में पूरी कर सकेंगे.
क्या है जॉइंट डिक्लेरेशन?
जॉइंट डिक्लेरेशन एक जॉइंट रिक्वेस्ट है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता मिलकर सदस्य की प्रोफाइल से जुड़े मूल विवरण, जैसे नाम, जन्मतिथि और जेंडर में संशोधन या बदलाव के लिए आवेदन करते हैं. EPFO ने 16 जनवरी 2025 को इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक नया सर्कुलर जारी किया है.
डिजीलॉकर के माध्यम से सबमिशन करने पर केवल एक दस्तावेज़ की आवश्यकता होगी. जबकि अन्य मामलों में कम से कम दो दस्तावेज़ अनिवार्य होंगे. वहीं, यदि कर्मचारी खुद से बदलाव कर सकते हैं, तो किसी दस्तावेज़ की जरूरत नहीं होगी.
इस सर्कुलर के मुताबिक, सदस्यों के लिए तीन कैटेगरी होंगे-
कैटेगरी A- आधार से लिंक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) (1 अक्टूबर 2017 के बाद जारी) - JD ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं.
कैटेगरी B: आधार से लिंक UAN (1 अक्टूबर 2017 से पहले जारी, और UIDAI द्वारा सत्यापित नाम, जन्मतिथि व जेंडर) - JD ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं.
कैटेगरी C: जिनके पास आधार सत्यापन नहीं है, UAN नहीं है या सदस्य मृतक हैं - JD अनुरोध कागज पर जमा करना होगा.
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